आज हम एक ऐसी घटना का जिक्र करने जा रहे हैं इस घटना में लोगों का बहुत ज्यादा ध्यान आकर्षित करके रखा है कारण यह है सबसे पहले बम फूटेगा बम फूटेगा यह जानकारी दुनिया को देने वाला सबसे पहले अमेरिका था लेकिन अब वहीं अमेरिका इतना चिंता में चला गया है कि तो बम फूट जाएगा जो से निकलने वाली विकिरण होंगी उनसे बचने के लिए पोटैशियम आयोडाइड खरीदने लग रहा है खरीदने का नाम पर इसमें कम से कम ढाई हजार करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए हैं इसको देखकर इसके साथ के और भी देश है जो यूरोप के वह भी इस समय पर गोलियां खरीदने लग रही । दुनिया को समझ में ही नही आ रहा कि मुद्दा किसने छेड़ा बम फटने के नाम पर अब गोलियां खरीदना शुरू हो गया है मार्केट में माहौल बनाया जा रहा है इसके पीछे कोई आधार भी है।
तमाम न्यूज़ की हेडलाइंस में दिखाई दे रहा है सी यूएस ने रेडिएशन से बचने के लिए यानी कि जो विकिरण निकलेंगे उस से होने वाली बीमारी से बचने के लिए अपने एक long-standing प्रोग्राम के तहत आपदा से बचने के लिए यानी कि परमाणु बम से होने वाले नुकसान से बचने के लिए यह प्रोग्राम बनाया गया था इस फंड के तहत जो 2004 में बनाया गया था जिसमे 41 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की इनके पास कैपेसिटी है इसका उपयोग करते हुए यहां पर इन्होंने प्रोजेक्ट बायोसिल 2004 के तहत अपने लिए दवाइयां परचेस करनी है आयोडीन की दवाइयां पर purchase की है।
रूस और यूक्रेन से सटे देश पोलैंड की राजधानी वर्षों में इस तरह की दवाइयों की बिक्री के लिए 600 से ज्यादा डिसटीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं पोलैंड के सभी 16 ग्रोविन्स मैं इस तरह के डिसटीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं मलोपोल्सको में 34 लाख आबादी के लिए सरकार ने 55 लाक आयोडीन की गोलियां भेजिए तो मैं रानियां में 23 लाख आबादी के लिए 40 लोग गोलियों को स्टॉक रखा गया है आप इसे अंदाजा लगा सकते हैं कि लोग मानसिक रूप से तैयार होना शुरू हो गए हैं कि बम फटेगा क्योंकि यह लोग आगे तक की चीजों को लेकर चल रही है अब घटनाएं रुकने वाली है नही अगर यूक्रेन ने क्रीमिया के ब्रिज को उड़ा दीया तो रसिया ने यूक्रेन के शहर में 10 गोले गिरा दिए फिर अभी यूक्रेन कुछ करेगा फिर रसिया कुछ करेगा तो यह सब देख कर इसकी एंड पणीनिति सुपर कंप्यूटर से देख कर निकाल चुके हैं किसका एंड बम फटना ही है तो इसके लिए यह लोग पहले ही कैलकुलेट कर रहे हैं ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ या पहली बार हो रहा है कि यूएस ने इतनी सारी गोलियां परचेस की हो हमले से बचने के लिए।

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हैं दीप्ति गुप्ता मैं एक स्टूडेंट हूँ और साथ मे ब्लॉगिंग भी करती हूँ NewsPur ब्लॉग पर मैं पढ़ाई से जुड़ी हुई जानकारी Share करती हूँ