खबर यह है कि अग्नि-5 को लेकर चीन का डर सही था इस मामले में उन्हें डर था कि इंडिया बस कह ही रहा है की अग्नि-5 5000 किलोमीटर जाएगी लेकिन यह तो 5 से ऊपर चली गई है
5 से ऊपर मतलब यार 3 मार्क अप क्षमता 7000 क्रॉस कर गई है।
आपको पता है जब इंडिया ने अपने न्यूक्लियर बॉम्ब काम पहली बार परीक्षण किया था बहुत सारे लोगों ने तो मना कर लिया जब हमारे लाफिंग बुद्धा हुआ था इंदिरा गांधी का समय था जब हमने न्यूक्लियर परीक्षण किया तू बहुत से लोगों ने बोला ना इन लोगों के बस की बात नहीं है और आज समय देखो हम बार-बार कह रहे हैं कि हम नहीं चलाएंगे लेकिन हमने चला भी दिया और बोला 5000 तक ही चलाया है लेकिन पड़ोसी दावा करता रहा है कि नहीं इन्होंने 7000 चलाया है उन्होंने पहली बार humbleness का परिचय दिया है। आइए जानते हैं इसको विस्तार मे
चीन हमको अग्नि-5 चलाने से रोक रहा था हम जैसे ही नोटिस टू एयर मैन जारी करते हैं वैसे ही चीन अपना खुफिया जहाज लेकर सामने पहुंच जाता कि हम चेक करेंगे कितना ऊंचा जाएगा
लेकिन हमने सेल तरीके से डीआरडीओ के नेतृत्व में अग्नि-5 का परीक्षण कर दिया लेकिन इस परीक्षण के बाद जिन लोगों के सीने पर सांप लोट गए वह लोग हैं चीनी कारण क्या है आइए जानते हैं।
20 अप्रैल को chinese researcher – Agni-5 है potential to reach targets 8000 km away दावा किया था। इस रिसर्च के बाद चाइना वाले तब से हमारे ऊपर आंखें गड़ाए बैठे थे इंडिया का पोटेंशियल ज्यादा है लेकिन यह जानकारी नहीं देता।
22 अगस्त को खबर निकल कर आती है की चाइनीस vessel yuan wang 5 श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर पहुंच रहा है इंडिया वाले इस बात को लेकर पहन कर जाते हैं हंबनटोटा क्यों आ रहा है जानकारी निकलकर आती है क्योंकि चाइना वालों ने हंबनटोटा पोर्ट 99 साल के लिए श्रीलंका वालों से लीज पर लिया हुआ इसलिए आ रहा होगा लेकिन फिर खबरें निकल कर आती है कि यह पोर्ट पर आधा जहाज है जो बहुत दूर तक की बातें सुन सकता है कि ऐसा जहाज जासूसी जहाज है। हमारे पास जब यह पता चला कि श्रीलंका में जो वेसल आया है वह हमारी जासूसी के लिए भेजा गया है तो इंडिया ने एक चाल चली यानी कि हम चीन के साथ शतरंज का खेल सह और मात का खेल रहे हैं तो इंडिया ने श्रीलंका को अपनी तरफ से कुछ एयरक्राफ्ट गिफ्ट कर दिए कि तुम रख लो और पैसे भी ना दो
ऐसे ही स्थिति में जब हम ने श्रीलंका को अपने एयरक्राफ्ट दिए तो इस कूटनीति के अंदर हमने चाइना वालों को मात दे दी मतलब तुम हमारी जासूसी करोगे और जो तुम करोगे वह हम ऊपर से देखेंगे यानी कि एयरक्राफ्ट के द्वारा। फिर वह जहाज लौट कर चला जाता है।
फिर इंडिया ने अपनी द्वारा अग्नि-5 परीक्षण की ऑफिशियल जानकारी 22 अक्टूबर को दे दी कि 10 से 11 नवंबर के बीच कोई भी हिंद महासागर के आसपास ना आए क्योंकि हम वहां कुछ परीक्षण कर सकते हैं तभी चाइना ने 4 नवंबर को अपना जासूसी विमान वहां पर भेज दिया जोकि पानी में खड़े रहकर अग्नि-5 की
ऊंचाई नाप कर बता सकता था कि यह कितना ऊंचा जा सकता है इन्हें प्रूफ करना था यह 5000 से ज्यादा जा सकता है इनका जहाज आते ही इंडिया वाले अग्नि-5 को पोस्टपोन कर देते हैं।

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हैं दीप्ति गुप्ता मैं एक स्टूडेंट हूँ और साथ मे ब्लॉगिंग भी करती हूँ NewsPur ब्लॉग पर मैं पढ़ाई से जुड़ी हुई जानकारी Share करती हूँ