खबर यह है कि भारत में निर्मित कफ सीरप से पश्चिमी अफ्रिका की तरफ स्थित गाम्बिया मे 66 बच्चों की मौत ।
जिसकी वजह से WHO ने कंपनी पर जांच के आदेश दिए हैं और बहुत गंभीर रूप से इस बात को लिया है।
उसके दिमाग में यह सवाल होगा कि जिस कंपनी का कब सिरप था उसकी ऐसी क्या गलती थी नंबर एक , नंबर दूसरा वह कंपनी कौन सी थी नंबर 3 क्या उस कंपनी के कफ सिरप इंडिया मैं भी बिक रहे हैं क्या..?
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए चार कप सीरप को गांबिया के अंदर warn कर दिया है यह समझ लेकिन एक्शन लेने की तैयारी है और जगह भी इसका एक्सपोजर मिल सकता है इस बात की संभावना जताई जा रही है।
उन कप सिरप के नाम है-
1-प्रोमेथाज़ीन ओरल सॉल्यूशन
2-कोफैक्समालिन बेबी कफ सिरप
3- मेकॉफ बेबी कप सीरप
4- मैग्रीप एन कोल्ड सिरप
सबसे पहली बार यह चारों कफ सिरप इंडिया में नहीं बिकते हैं।
ऐसा क्यों हुआ गांबिया में आइए यह बात को जानते हैं-
WHO ने 29 सितंबर को गांबिया में हुई मौतों के बारे में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सूचित किया था इससे जो दो कारण पता चले वह यह है की कौन से ऐसे केमिकल है जो इस बात की जिम्मेदार बने जो मिठास होती है जो बच्चों की दवाई में डाला जाता है डायथाइलीन ग्लाइकोल और दूसरी होती है एथिलीन ग्लाइकोल यह दोनों ही एल्कोहलिक डेरिवेटिव्स हैं
यह दोनों ही केमिकल बच्चों को मीठापन एहसास दिलाने के लिए दवा में डाले जाते हैं यह दो ऐसे केमिकल्स है जो दबा के अंदर बहुत मात्रा में उपयोग में लिए जाते हैं। लेकिन यह जानकर आप लोगों को आश्चर्य होगा यह दोनों केमिकल दुनिया के बहुत से देशों में प्रतिबंधित हैं क्यों प्रतिबंधित है क्योंकि इन्हीं दबाव के चलते किडनी फेल हो जाता है इनकी मात्रा जो बताई गई है उससे थोड़ी भी ज्यादा अगर ली जाए तो यह बच्चों की सेहत पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालती है इसलिए बहुत सी ऐसी कंपनीज जो जो इन दवाओं को मिठास के लिए उपयोग में लाती है विशेष रुप से बच्चों के कफ सिरप बनाती हैं अगर उनसे इन मात्राओं में परिवर्तन हो जाए तो जाने अनजाने में बच्चे को किडनी फेलियर जैसी समस्या बहुत बेसिक लेवल पर हो जाती है और पेट दर्द उल्टी दस्त पेशाब ना होने जैसी मानसिक स्थिति में बदलाव और किडनी की समस्या हो सकती है और जाने अनजाने में जान भी जा सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि आज तक कंपनी ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी नहीं दी है।
जिस कंपनी के द्वारा इसे बनाया जाता है वह हरियाणा के अंदर स्थित कंपनी का नाम है Maiden pharmaceuticals limited इनका जो हेड ऑफिस है दिल्ली में मनाया हुआ है और इनके द्वारा जो यह दवा है यह गांबिया ही एक्सपोर्ट की गई थी।

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हैं दीप्ति गुप्ता मैं एक स्टूडेंट हूँ और साथ मे ब्लॉगिंग भी करती हूँ NewsPur ब्लॉग पर मैं पढ़ाई से जुड़ी हुई जानकारी Share करती हूँ